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डॉलर के मुकाबले रुपये ने लगाई इतनी लम्बी छलांग,देखता रह गया चीन और अमेरिका



डॉलर के मुकाबले रुपये ने लगाई इतनी लम्बी छलांग, चीन और अमेरिका भी रह गए हैरान!





डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती (या लम्बी छलांग) कई आर्थिक और वैश्विक कारणों पर निर्भर करती है। अगर हाल ही में रुपये ने डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाई है, तो इसके पीछे कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:

डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार चार कारोबारी दिनों तक गिरावट के बाद ऐसा लग रहा था कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भी रुपये में गिरावट आएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। करेंसी मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपये ने इस तरह से वापसी की कि चीन का युआन देखता रह गया और अमेरिकी सरकार भी डर गई। 


कमजोर डॉलर वैश्विक स्तर पर अगर डॉलर कमजोर हो रहा है (जैसे कि अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती या मंदी की आशंका), तो अन्य मुद्राएं मजबूत होती हैं, जिसमें रुपया भी शामिल है। GDP ग्रोथ, एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी, या महंगाई दर में नियंत्रण ये सभी रुपये को मजबूती दे सकते हैं

शुक्रवार को शुरुआती कारोबारी सत्र में रुपये में 51 पैसे की तेजी देखने को मिली। आंकड़ों पर गौर करें तो 11 फरवरी के बाद किसी भी कारोबारी दिन रुपये में यह सबसे बड़ी तेजी है। डॉलर की कमजोरी और रुपये की मजबूती  हालांकि अमेरिकी टैरिफ ने डॉलर को कमजोर किया, जिससे भारतीय रुपये को मजबूती मिली। वैश्विक निवेशकों ने डॉलर से हटकर अन्य मुद्राओं और सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख किया, जिससे रुपये सहित एशियाई मुद्राओं को लाभ हुआ।
जानकारों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और ट्रंप के 90 दिनों के लिए टैरिफ वापस लेने का असर देखने को मिल रहा है।

आने वाले दिनों में रुपये में और तेजी देखने को मिल सकती है। इससे पहले करेंसी मार्केट में लगातार चार दिनों तक डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। रुपये में करीब 140 पैसे यानी करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट आई थी। जिससे रुपया 86.60 के पार पहुंच गया था। लेकिन शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 51 पैसे की तेजी के साथ 86.17 के स्तर पर पहुंच गया

आइए आपको भी बताते हैं कि करेंसी मार्केट में रुपया किस स्तर पर कारोबार कर रहा है और किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.22 पर खुला

जो पिछले बंद के मुकाबले 46 पैसे अधिक था और फिर 86.17 पर पहुंच गया. बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 86.68 पर बंद हुआ था 

इससे पहले बुधवार को रुपये में 45 पैसे की गिरावट आई थी, उससे पहले इसमें 50 पैसे, 32 और 14 पैसे की गिरावट आई थी. किसी को उम्मीद नहीं थी कि शुक्रवार को करेंसी मार्केट में रुपया जोरदार तेजी दिखाएगा

चीन की मुद्रा नीति का प्रभाव यदि चीन अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी मुद्रा युआन को कमजोर करता है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक रुपये के मूल्य में गिरावट को सहन कर सकता है। एक कमजोर युआन भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारत का व्यापार घाटा बढ़ सकता है।

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