सुबह चाय पीने से शरीर पर होता है ये असर – चौकाने वाले तथ्य जानिए!
चाय का सेहत पर सकारात्मक प्रभाव
चाय, खासकर ग्रीन टी ( Green Tea) और ब्लैक टी (Black Tea), में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, जिससे हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।National Institute of Health की एक स्टडी के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन्स (Catechins) कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हैं। इसके अलावा, चाय में मौजूद कैफीन मस्तिष्क को सक्रिय रखता है, जिससे सुबह की थकान दूर होती है और एकाग्रता (Concentration) बनी रहती है।
अदरक चाय या इलायची चाय पीने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। यह पेट की समस्याओं को कम करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
ज़्यादा चीनी से वजन बढ़ने (weight gain) और डायबिटीज (diabetes) का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, खाली पेट चाय पीने से पेट की अंदरूनी परत को नुकसान हो सकता है। इसलिए, सुबह चाय के साथ हल्का नाश्ता जैसे बिस्कुट या रस्क लेना बेहतर होता है। (Effects of drinking tea early morning)
अदरक चाय या इलायची चाय पीने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। यह पेट की समस्याओं को कम करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
क्या चाय सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है?
चाय के फायदे के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ज्यादा मात्रा में ब्लैक टी (Black Tea) या मिल्क टी (Milk Tea) पीने से कुछ लोगों को एसिडिटी या पेट में जलन की शिकायत हो सकती है। भारतीय चिकित्सा संघ के विशेषज्ञों के अनुसार, दिन में 3-4 कप से ज्यादा चाय पीने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, खासकर अगर इसमें ज्यादा चीनी हो। (Side effects of morning tea)
ज़्यादा चीनी से वजन बढ़ने (weight gain) और डायबिटीज (diabetes) का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, खाली पेट चाय पीने से पेट की अंदरूनी परत को नुकसान हो सकता है। इसलिए, सुबह चाय के साथ हल्का नाश्ता जैसे बिस्कुट या रस्क लेना बेहतर होता है। (Effects of drinking tea early morning)
⚠️ सुबह चाय पीने के नुकसान (Side effects of drinking tea early morning)
1. खाली पेट चाय से एसिडिटी (Tea in the morning empty stomach)
खाली पेट चाय पीने से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे जलन और गैस की समस्या हो सकती है। बेहतर है कि चाय के साथ हल्का नाश्ता जरूर लें।
2. ज्यादा चाय = ज्यादा नुकसान
Indian Medical Association के अनुसार, दिन में 3–4 कप से ज्यादा चाय पीना हानिकारक हो सकता है, खासकर अगर उसमें चीनी अधिक हो। इससे वजन बढ़ सकता है और डायबिटीज का खतरा भी हो सकता है।
यही वजह है कि आजकल ऑफिसों में कॉफी ब्रेक (coffee break) के बजाय टी ब्रेक (tea break) का चलन ज्यादा है। साथ ही, अगर आप हर्बल टी जैसे कैमोमाइल टी या पेपरमिंट टी पीते हैं, तो ये नींद की गुणवत्ता को भी बेहतर बना सकती हैं।
चाय और मानसिक स्वास्थ्य
चाय सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। एक कप चाय आपके तनाव को कम करने में मदद कर सकती है और मूड को तरोताजा कर सकती है। L-Theanine, जो चाय में पाया जाने वाला एक खास तत्व है, दिमाग को शांत करने और तनाव (Stress) को कम करने में मदद करता है। (Is morning tea good for health)यही वजह है कि आजकल ऑफिसों में कॉफी ब्रेक (coffee break) के बजाय टी ब्रेक (tea break) का चलन ज्यादा है। साथ ही, अगर आप हर्बल टी जैसे कैमोमाइल टी या पेपरमिंट टी पीते हैं, तो ये नींद की गुणवत्ता को भी बेहतर बना सकती हैं।
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सही तरीके से चाय पीने के टिप्स
चाय के फायदों को अधिकतम करने के लिए कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए:1.चीनी की मात्रा कम करें: चाय में ज्यादा चीनी डालने से बचें। आप हनी या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2.खाली पेट चाय न पिएं (Health effects of tea on empty stomach)
सुबह खाली पेट चाय पीने से बचें, क्योंकि यह पेट को नुकसान पहुंचा सकता है। हल्का नाश्ता करें और फिर चाय पिएं।
3.विविधता रखें: अपनी दिनचर्या में ग्रीन टी, ब्लैक टी, उलूंग टी या व्हाइट टी को शामिल करें ताकि आपको विभिन्न पोषक तत्व मिल सकें।
4.प्रेमियम चाय का चयन करें: अगर आप चाय के शौकिन हैं, तो ब्रांड्स की प्रीमियम चाय का सेवन करें। यह स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी ख्याल रखती हैं।
चाय और भारतीय संस्कृति
भारत में चाय केवल एक पेय नहीं, बल्कि एक भावना है। यह हमारे सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। चाहे वह सुबह की पहली चाय हो या शाम की गपशप के दौरान चाय पर चर्चा, यह हर भारतीय के जीवन का हिस्सा है। बॉलीवुड फिल्मों में चाय के दृश्य जैसे कि शोले और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ने चाय को हमारी संस्कृति का हिस्सा बना दिया है।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रसिद्ध "चाय पर चर्चा" अभियान भी इस बात का प्रमाण है कि चाय न केवल एक पेय है, बल्कि यह एक सामाजिक और राजनीतिक मंच बन चुका है।

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