फिर 56 हजार पर पहुंचेगा सोना? कीमतों में जबरदस्त गिरावट जानिए
एक ओर जहां सोना लंबे समय से सुरक्षित निवेश का प्रतीक बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर इसकी मौजूदा ऊंची कीमतें आम खरीदारों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। लेकिन हाल ही में बाजार में ऐसी चर्चाएं तेज़ हो गई हैं कि सोने की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आ सकती है, और यह 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क सकता है।
क्या हैं गिरावट के संकेत?
1. अमेरिकी ब्याज दरों का असर :अमेरिका की फेडरल रिज़र्व अगर ब्याज दरें ऊंची बनाए रखता है, तो इससे डॉलर मजबूत होता है और सोने की चमक फीकी पड़ती है। इससे सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आती है, जिसका सीधा असर भारतीय बाज़ार पर भी पड़ता है।
2. डॉलर और कच्चे तेल की चाल:
डॉलर की मज़बूती और कच्चे तेल की स्थिर कीमतें अक्सर निवेशकों को सोने से दूर ले जाती हैं। इससे मांग में गिरावट आती है और दाम नीचे आते हैं।
3. जियोपॉलिटिकल स्थिरता:
अगर वैश्विक तनाव कम होता है – जैसे युद्ध की स्थिति टलती है या ट्रेड वार्स की संभावना घटती है – तो निवेशक सुरक्षित विकल्पों से निकलकर जोखिम भरे एसेट्स की ओर बढ़ते हैं। इससे भी सोने की मांग में कमी आती है।
क्या सच में आएगा 56,000 का स्तर?
अब सवाल ये है कि क्या वाकई सोना 56 हजार तक गिर सकता है? विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संभव ज़रूर है, लेकिन इसके लिए कई आर्थिक और वैश्विक परिस्थितियों का मिलना ज़रूरी है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेज़ गिरावट आती है, डॉलर मजबूत होता है, और ब्याज दरें ऊंची रहती हैं, तो सोने की कीमतें धीरे-धीरे 56,000 के स्तर तक पहुंच सकती हैं।भारत में कितना सोना मौजूद है ।
भारत में सोने का भंडार विश्व स्तर पर बेहद अहम स्थान रखता है। यह दो भागों में बांटा जा सकता है – आधिकारिक (सरकारी) भंडार और निजी (घरेलू) स्वामित्व।1. आधिकारिक स्वर्ण भंडार (Reserve Bank of India द्वारा):
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पास 2024 की अंतिम तिमाही तक लगभग 876.20 टन सोना जमा है। यह पिछले आंकड़े 853.63 टन से बढ़ा है, जो यह दिखाता है कि भारत लगातार अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने को शामिल कर रहा है।
2. घरेलू/निजी स्वर्ण भंडार (Indian Households):
भारत के घरों में सोने की कुल मात्रा 24,000 से 25,000 टन के बीच आंकी जाती है।
यह आंकड़ा दुनिया के कुल सोने का करीब 11% है, जो दर्शाता है कि भारतीयों, खासकर महिलाओं में सोने को लेकर कितनी गहरी सांस्कृतिक और पारंपरिक लगाव है।
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